प्रतिभा किसी मुकाम पर जाकर ठहरती नहीं है, वह उस मुकाम को नई ऊंचाई छूने का रास्ता बनाती है और एक दिन अपनी मंजिल पाकर रहती है। प्रतिभा का संघर्ष और लगातार जारी रहता है, जब तक कि उन्हें अपनी मंजिल न मिल जाए।
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